Slow Internet users के लिए GoogleWebLight क्या है ?
क्या आपने GoogleWeblight से अपने stats में traffic को notice किया ? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं, क्योंकि दुनिया भर के webmasters ने भी इसे notice किया है। आप अभी GoogleWeblight से traffic को notice करेंगे, और इस article में मैं आपको वो सारी चीज़े बताऊंगा, जो Google की इस latest edition के बारे में सभी bloggers और webmasters को जाननी चाहिए।
GoogleWeblight Google द्वारा एक initiative है, ताकि उन millions of users का browsing experience बढ़िया किया जा सके जो slow internet speed पर हैं। Typically Indonesia, India और Brazil देशों के लिए जहाँ बहुत से लोग 2G पर हैं या जिनके पास बहुत ही slow internet connection है। इसे mobile search का Streamlined lite version भी कहा जाने लगा है। यह feature केवल Android devices पर work करता है और वह भी chrome browser पर।
जब भी कोई user Android Powered Chrome Browser पर Google Search का use करता है, और जब आपका browser slow data connection detect करता है, यह mobile search का lite version automatically चलता है। यह page को light version में transcode कर देता है, और जोकि webpages को fast load होने में help करता है।
एक User के लिए Mobile Search का Streamlined Version होने का क्या मतलब है ?
एक end user के लिए इसका मतलब है, webpage 4× faster load होगा और 80% less bandwidth consume करेगा।यहाँ पर key factor है, web page की fast rendering, जो की less developed और developing countries के millions of users की, ज़्यादा pages browse करने में, और web page के slow load होने के hassle से छुटकारा पाने में मदद करेगा। यहाँ पर side by side page load का comparision दिया गया है, जब एक आम user Google Search use करता है और GoogleWeblight use करता है। यह test 2G connection पर किया गया है (लगभग 35 kbps speed पर):
Users light version के लिए कभी भी opt out कर सकते हौं और कभी भी “View Original” पर click करके page के actual version पर जा सकते हैं। यहाँ पर ShoutMeHindi के light version का screenshot दिया गया है।
जब मैंने love4me के transcoded और without transcoded version के loading time को Webpagetest के साथ test किया, difference 90% का था।
GoogleWeblight का bloggers के लिए क्यों meaning है ?
एक blogger के तौर पर आपको ध्यान रखना होता है कि जब कोई user आपकी site पर Google Search के via आता है (Android device पर Chrome browser को use करके और slow internet connection कारण), users को आपके page का lite version दिखेगा। सारे page elements को remove कर दिया जायेगा और user को सिर्फ content show किया जायेगा। बढ़िया बात ये है कि ये lite version AdSense, Sovrn और Zedo के साथ काम करेगा।आप GoogleWeblight से कभी भी opt out कर सकते है बस आपको अपना HTTP header अपने page response में ये set करना होगा: “Cache-Control: no-transform”. Google आपका page transcode नहीं करेगा जब वह ये HTTP header देखेगा। पर फिर भी मैं आपको ये न करने की सलाह दूंगा क्योंकि millions of users remote area से online आ रहें हैं, जहाँ high-speed internet available नहीं है। उनके तक अपनी site का transcoded version पहुँचाने का मतलब है कि आपका content complete new audience तक पहुँच रहा है।
कुछ Important Points:
- Google Analytics transcoded pages के stats track नहीं करेगा, तांकि page quickly load हो सके। आप GoogleWeblight से आ रही traffic को server logs या WordPress.com stats को use करके देख सकते हैं।
- Pages सिर्फ mobile devices के लिए ही transcode होंगे, नाकि desktop या tablet के लिए।
- किसी भी issue या feedback के लिए आप googleweblight@google.com पर email कर सकते हैं।
- यदि आपने transcode से opt out करने का decide किया है, Google Search Results में इस page को slow loading page के तौर पर show करेगा।
- अभी वो वाली sites जिन्हें cookies चाहिए या video sites transcode नहीं की जा सकती।
आपके googleweblight feature के बारे में क्या विचार हैं ? चलिए मैं आपके thoughts और opinions को comment section में जानता हूँ।
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